मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दिग्गज फिनटेक कंपनी पेटीएम के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कार्रवाई के कारण का खुलासा किया है। बता दें कि आरबीआई ने पिछले सप्ताह पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अपने खातों और डिजिटल वॉलेट में 1 मार्च से नई जमाएं स्वीकार करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इस फैसले पर केंद्रीय बैंक ने अपने नोटिस में कहा था कि निगरानी संबंधित खामियों और नियमों के गैर-अनुपालन का हवाला देकर आरबीआई ने यह प्रतिबंध लगाया है। कंपनी के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक से 30 करोड़ से ज्यादा वॉलेट और 3 करोड़ बैंक खाते जुड़े हुए हैं। कंपनी ने कहा है कि अब तक 80 लाख फास्टैग जारी किए हैं।
इस बीच आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि यदि सभी चीजों का अनुपालन किया गया होता, तब केंद्रीय बैंक किसी रेगुलेशन वाली इकाई के खिलाफ कार्रवाई क्यों करता। गर्वनर दास ने कहा कि पेटीएम मामले को लेकर व्यवस्था के बारे में चिंता की कोई बात नहीं, हम केवल भुगतान बैंक की बात कर रहे हैं। इसके अलावा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने कहा कि ‘‘लगातार गैर-अनुपालन’’ के लिए पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही सुधारात्मक कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया।
आरबीआई गवर्नर ने साफ कर दिया कि जब बैंक और एनबीएफसी प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं, हम कारोबार से संबंधित पाबंदियां लगाते हैं। उन्होंने कहा, एक जिम्मेदार रेगुलेटर होने के नाते व्यवस्था के स्तर पर स्थिरता या जमाकर्ताओं अथवा ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर हम कदम उठाते हैं। उन्होंने कहा, आरबीआई पेटीएम को लेकर की गयी कार्रवाई के बारे में लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए अगले सप्ताह एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) जारी करेगा।