चिड़ियाघर में 28 वर्ष के दक्षिण अफ्रीकी प्रजाति के हाथी शंकर ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे बरसों अकेला जीवन व्यतीत करना पड़ेगा। वह बीते 18 साल से बाड़े में अकेले रह रहा है। आज भी उसे अपने साथी की तलाश है जिसके साथ वह अठखेलियां कर सके। अकेलेपन से वह कई बार मायूस व मतवाला हो जाता है। ऐसे में उसे संभालना महावतों को भारी पड़ता है। चिड़ियाघर प्रशासन ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण व वैश्विक संगठनों से इसके लिए मदद करने की गुहार लगाई है। मौजूदा समय में यहां तीन हाथी हैं। उधर, शंकर के अलावा एशियाई प्रजाति के दो और हाथी भी चिड़ियाघर में हैं। हीरागज और राजलक्ष्मी की जोड़ी मशहूर है। चिड़ियाघर के बाड़ा नंबर 13 में रहने वाले एशिया प्रजाति के 45 वर्षीय हीरागज और 43 वर्षीय राजलक्ष्मी की दोस्ती मिसाल के तौर पर देखी जाती है। दोनों एक-दूसरे के साथ ऐसे घुल-मिलकर रहते हैं। यहां तक कि अकेले खाना तक नहीं खाते हैं। दोनों एक साथ बाड़े में अधिकतर समय साथ में व्यतीत करते हैं। 

300 किलो खाते हैं खाना

चिड़ियाघर में रहने वाले हाथी रोजाना तीन सो किलो खाना खाते हैं। इसमें 150 किलो के पीपल, गूलर, पिलखन व बरगद के पत्ते और 130 किलो के करीब ज्वार, मक्का, बाजरा का चारा खाते हैं। वहीं, इसके साथ ही 15 किलो खिचड़ी, दो दर्जन केले व नाशपाति खाते हैं। बता दें, इनका खाना मौसम के हिसाब से बदलता है। सर्दियों में इन्हें खाने में गन्ना, गुड़ दिया जाता है।  

1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति को उपहार में मिला था  

जिम्बाब्वे से वर्ष 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को दो अफ्रीकन हाथी उपहार के तौर पर मिले थे, जिसमें उन्होंने एक हाथी को दिल्ली चिड़ियाघर में दे दिया था, जबकि दूसरा हाथी रिंची मैसूर चिड़ियाघर में है। उस समय शंकर की उम्र 26 माह थी। अफ्रीकन हाथी के माइक्रो ऑर्गेनिज्म एशियाई हाथी से अलग होते हैं, जिससे वह इन हाथियों के साथ घुल-मिल नहीं पाता और अकेलेपन में मतवाला हो जाता है। जिम्बाब्वे से आया शंकर वर्ष 2005 में अपने साथी बॉम्बेई की मौत के बाद से बाड़े में अकेला है। चिड़ियाघर की निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि शंकर के लिए साथी तो मिल रहे हैं, लेकिन इसकी उम्र की मादा नहीं मिल रही है। इसके लिए प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। चिड़ियाघर के अधिकारी वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम (वाजा) के संपर्क में हैं, जो पशु विनिमय कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करता है।

शंकर को है पानी में खेलना पसंद

हाथी शंकर को पानी में खेलना पसंद है। वह जैसे ही बाड़े में आता है तो सबसे पहले तालाब में जा बैठता है। पानी में वह कई बार खेलता भी है। सूंड से अपने शरीर में तेजी से पानी फेंकता है। इस दृश्य को देखने के लिए अक्सर दर्शकों की भीड़ इसके बाड़े के बाहर जुटी रहती है। यही नहीं कई बार वह बाड़े से क्रॉल में जाने पर मायूस हो जाता है।    

दावत का आयोजन

विश्व हाथी दिवस के अवसर पर शनिवार को हाथियों के लिए दावत का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें विशेष रूप से सेब, केला, टमाटर, कटहल, उबले चावल दिए जाएंगे। इस दौरान हाथी को लेकर दर्शकों को लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। वहीं, स्कूली छात्रों को हाथी को लेकर जागरूक किया जाएगा और उनके महत्व के बारे में बताया जाएगा।