जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के शिष्य और बाल संत हरीश वैष्णव महाराज 10 राज्यों की पदयात्रा कर भरतपुर पहुंचे, जहां संत ललित मोहन शरण महाराज ने उनका स्वागत किया. यह संत भारत और नेपाल की 1100 दिन की यात्रा पर निकले हैं. संत हरीश वैष्णव महाराज सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और गोवंश संरक्षण के लिए आम जन को जागरूक कर रहे हैं.

यह संत सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और गोवंश संरक्षण के लिए आम जन को जागरूक करने के उद्देश्य से 16 अप्रैल 2023 को यात्रा पर निकले हैं. वह 15 माह की यात्रा में करीब 18 हजार किमी का सफर तय कर चुके हैं. बाल संत हरीश वैष्णव महाराज जी ने यह यात्रा मध्य प्रदेश प्रांत के ओरछा की नगरी से प्रारंभ की थी और वह अब तक लगभग जम्मू कश्मीर हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा आदि प्रांतों की यात्रा कर चुके हैं. वह करीब विश्व विख्यात पांच दर्जन से अधिक धार्मिक स्थलों, संत और भक्तों की सभा करके धार्मिक स्थलों के दर्शन कर चुके हैं. संत का उद्देश्य गौ संरक्षण और हिंदुओं को जागरूक करना है.
बाल संत हरीश वैष्णव महाराज ने बताया कि उन्होंने अपने गुरु महाराज जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया और भारत के विभिन्न स्थानों की यात्रा पर निकल चुके है. उन्होंने कहा कि संसार में बढ़ते हुए पाप, मन, धन, हानि को रोकने के लिए हमें देवताओं की शरण लेनी चाहिए और संसार में हो रही गौ हत्याओं को रोकने के लिए हमें पूरे विश्व भर में संकल्प लेकर हिंदुत्व के साथ गौ माता की रक्षा करनी है.