नई दिल्ली । राजधानी में ऑटो रिक्शा मालिकों के सामने ऑटो के रिप्लेसमेंट व स्क्रैपिंग का संकट मंडरा रहा है। दिल्ली परिवहन विभाग नारायणा यूनिट से जारी होने वाले स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र को 30 सितंबर 2023 के बाद से मान्यता नहीं देगा। इसे लेकर परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है, इसमें बताया गया है कि एक निजी ऑटो रिक्शा कंपनी जोकि नारायणा से संचालित है वहां इस माह के बाद से 30 सितंबर तक के परमिट धारकों के ऑटो रिक्शा स्क्रैप नहीं हो सकते हैं।  इसके साथ ही वहां से जारी होने वाले स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट भी गैर मान्य माने जाएंगे। ऐसे में ऑटो मालिकों को स्क्रैपिंग के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों का रुख करना पड़ सकता है। बता दें दिल्ली में 95 हजार से अधिक ऑटो पंजीकृत हैं। परिवहन विभाग के इस आदेश के बाद से ऑटो मालिक स्क्रैपिंग को लेकर परेशान हैं। मालिकों में विभाग के आदेश को लेकर रोष है। उनका कहना है कि यह अचानक लिया गया फैसला है। स्क्रैपिंग यूनिट ने विभाग से अनुरोध किया है कि परमिट धारकों को अपने वाहनों को स्क्रैप करवाने की अनुमति दी जाए। स्क्रैप सेंटर को अगले 60 दिनों के बाद से बंद कर दिया जाएगा।  इस सेंटर के बाद दिल्ली में रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) नियम-2021 के तहत पंजीकृत कोई स्क्रैपिंग सेंटर नहीं है। उन्होंने कहा है कि ऑटो मालिक स्क्रैपिंग के लिए फाइलिंग की ऑनलाइन प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं। सभी आरवीएसएफ पंजीकृत स्क्रैप केंद्र दिल्ली से बहुत दूर हैं। ऐसे में उन्हें कुछ दिन का वक्त दिया जाए। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आदेश एक सितंबर को आया है। इसके तहत इस माह के बाद से कोई ऑटो स्क्रैप नहीं होगा। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने कहा कि संघ इस फैसले का विरोध करता है। दिल्ली में सीएनजी चालित ऑटो की उम्र 15 वर्ष है। यह ऑटो मालिक पर निर्भर करता है कि वह कब स्क्रैप के लिए जाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली में  रोजाना 20 से 40 ऑटो स्क्रैप व रिप्लेसमेंट के लिए आते हैं। दिल्ली के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाए।