मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी को राज्य में बड़े नुकसान की चिंता हो रही है। इस लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन अंदर खाने बात छानकर बाहर आई हैं कि आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा के साथ अजित पवार के गठबंधन से खुश नहीं है।

 

एकनाथ शिंदे को भाजपा की मदद से सत्ता वापसी का भरोसा 


खबरें हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भाजपा की मदद से सत्ता वापसी का भरोसा है। जबकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा अपने प्रदर्शन को लेकर चिंतित है। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की तरफ से कराए गए आंतरिक सर्वे संकेत दे रेह हैं कि पार्टी 288 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 55 से 65 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। जबकि, 2014 में आंकड़ा 122 और 2019 में 105 विधायक थे। इधर, महायुति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कुनबा भी टूटता दिख रहा है। हाल ही में पिंपरी चिंचवाड़ प्रमुख अजित गव्हाणे सहित कई नेताओं ने एनसीपी को अलविदा कह दिया था।

 

संघ की दो टूक अजीत पवार से संबंध तोड़ दे भाजपा


रिपोर्ट के अनुसार, संघ भाजपा और अजित के साथ के पक्ष में नहीं है। इससे पहले भी ऑर्गेनाइजर में लोकसभा चुनाव में भाजपा की खराब प्रदर्शन की वजह अजित को बताया गया था। हाल ही में मराठी मैगजीन विवेक में भी इसी तरह की बात की गई थी। कहा जा रहा है कि आरएसएस का मानना है कि अजित पवार के साथ गठबंधन के फैसले ने भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाया है।

अजित पवार की एनसीपी के साथ संबंध खत्म कर लेने चाहिए।शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है कि राजनीति में उनमें या उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस में से कोई एक ही बचेगा। ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी नेता पर उन्हें और उनके बेटे को जेल में डालने की साजिश करने के आरोप भी लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी महाराष्ट्र में आकर भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की चुनौती दी है।