नई दिल्ली । तिहाड़ में बंद कैदियों की अन्य राज्यों में पेशी के लिए अब विशेष अदालत से अनुमति लेनी होगी। अब तक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीएमएम) की अदालत की अनुमति लेकर कैदियों को पेश किया जाता था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने सभी जेल अधीक्षकों को एक सर्कुलर जारी कर इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा है। जेल के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ में बंद कई कैदियों के दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में मुकदमे चल रहे हैं। कैदियों को दूसरे राज्यों से प्रोडक्शन वारंट जारी होने पर उन्हें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अनुमति लेने के बाद दूसरे राज्यों में पेशी के लिए भेजा जाता था, लेकिन नई व्यवस्था में ऐसे कैदी जिनका मामला विशेष अदालत में चल रहा है, उन्हें दूसरे राज्य में पेशी पर भेजने से पहले दिल्ली की संबंधित विशेष अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था में मकोका, पॉक्सो, धनशोधन और ऐसे मामले जिसकी सुनवाई के लिए सरकार की ओर से विशेष अदालत गठित की गई है, ऐसे मुकदमों के कैदियों को अन्य राज्यों में पेशी के लिए विशेष अदालत से अनुमति ली जाएगी। ज्यादातर गैंगस्टरों के खिलाफ दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में मामले चल रहे हैं। इसमें ज्यादातर पर मकोका के तहत मामले दर्ज हैं।