इसे जलवायु परिवर्तन का ही असर कहा जाएगा कि भीषण गर्मी के पर्याय माने जाने वाले मार्च और अप्रैल के बाद इस बार मई माह भी ठंडा साबित होने जा रहा है। अभी तक पूरे माह में दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में एक भी दिन लू नहीं चली।

मौसम विज्ञानी अनुमान जता रहे हैं कि मौसमी परिस्थितियों के चलते माह के बचे हुए दिनों में भी लू चलने की संभावना नहीं रह गई है। गौरतलब है कि इस वर्ष मौसम चक्र के विपरीत सर्दियों में दिसंबर और फरवरी का माह अपेक्षाकृत गर्म रहा जबकि गर्मियों के महीने एक के बाद एक ठंडे साबित हो रहे हैं।

मार्च का महीना 15 साल में तीसरा सर्वाधिक बारिश वाला रहा और औसत तापमान भी सामान्य से दो डिग्री कम रिकार्ड किया गया। इसी तरह अप्रैल में सामान्य से अधिक बरसात हुई और औसत तापमान 1.2 डिग्री कम दर्ज हुआ। दोनों ही महीनों में एक भी दिन लू नहीं चली।

मौसम विभाग के अनुसार, कमोबेश यही सिलसिला मई माह में भी कायम है। इस माह में भी सामान्य 21.9 मिमी की तुलना में अब तक 60.4 मिमी वर्षा हो चुकी है। सफदरजंग और पालम में एक भी दिन लू नहीं चली तो ज्यादातर दिन तापमान भी सामान्य या इससे कम ही दर्ज किया गया है।

माह के अंतिम सप्ताह में भी स्थिति बदलने की कोई संभावना नहीं है। बीते तीन दिन जो भीषण गर्मी पड़ी और कहीं कहीं लू वाली स्थिति रही, वह सिर्फ राजधानी के कुछ इलाकों तक ही सीमित थी।