नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने डिजिटल इंडिया के पवेलियन में काफी देर तक गुजारा। वह वहां मौजूद अधिकारियों के माध्यम से डिजिटल क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग को बड़ी तन्मयता से समझ रही थीं। इसी तरह नाइजिरिया के डिजिटल अर्थव्यवस्था के मंत्री बोसन तिजानी ने डिजिटल इंडिया के पवेलियन में काफी देर तक एक से दूसरे एप के आंकड़ों के आधार पर चमत्कृत प्रदर्शन को महसूस कर रहे थे। यूके के मुख्य आर्थिक सलाहकार डगलस मैकनील यूपीआइ के चमत्कृत प्रदर्शन से अभिभूत दिखे। यह कुछ बानगी है दिनभर भारत मंडपम के नजदीक जी-20 सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों, राजनयिकों व विदेशी मेहमानों के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए डिजिटल इंडिया प्रदर्शनी स्थल का। जहां दिनभर विदेशी मेहमानों का तांता लगा। वह आधार, ई-संजीवनी, भाषिनी एप, डिजीलाकर, यूपीआइ समेत अन्य डिजिटल क्रांति से भारतीय समाज व शासन की कार्य प्रणाली में आए बदलाव को जान समझ रहे थे। और यह टटोल रहे थे कि यह उनके देश के लोगों का जीवन में किस तरह से बदलाव ला सकता है। इसमें ओमान, इटली, रूस, आस्ट्रेलिया, जापान समेत अनेक देशों के दिग्गज थे। रूस के पत्रकार एनी कला इनाओफ कहते हैं कि यहां का अनुभव शानदार है। डिजिटल क्रांति ने यहां के लोगों में चमत्कारिक बदलाव लाया है। यह रूस के जीवन में भी बदलाव ला सकता है। जी-20 सम्मेलन को कवर करने आई रूस की एक पत्रकार उलियाना ने भाषिनी एप की तारीफ करते हुए कहा कि यह पूरे विश्व में लोगों के बीच भाषाओं की दीवार को हटाकर संवाद की नई इबादत लिख सकता है। बहुत सारे पत्रकार, दूसरे देश के मंत्री, राजनयिकों के बीच यह पवेलियन सर्वाधिक आकर्षण के केंद्र में है। जहां ई-साइकिल चलाते हुए डिजिटल इंडिया की यात्रा के साथ इसके जरिए भारतीय समाज में आए क्रांतिकारी बदलाव को जान रहे हैं। इसी तरह अपने सवालों के जवाब डिजिटल तरीके से गीता से तलाश रहे थे। इसमें भी खास यूपीआइ है, जो चमत्कृत कर रहा है।