नई दिल्ली । दिल्ली के प्रगति में 42 वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में ना केवल उत्पाद की प्रदर्शनी होती है, बल्कि यहां आपको जज्बा, संघर्ष और सफलता को दर्शाने की भी प्रदर्शनी लगती है। यहां पर एक दो नहीं बल्कि अनेक ऐसी महिला कलाकार हैं, जो प्रदर्शनी लगाए हैं। जिनका कला के प्रति मन में कामयाबी का नया जज्बा पैदा करता है। इनमें से एक बिहार की मधुबनी की नाजदा खातून हैं, जिन्हें राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। आज हम आपको इनके जज्बे, संघर्ष और सफलता की कहानी बताते हैं। इस मेले में मौजूद बिहार इंडस्ट्रियल डिपार्मेंट के कुनाल प्रकाश ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार स्टेट की तरफ से कुल 57 स्टाल लगाए गए हैं, इनमें 57 स्टालों में कुछ बिहार के गांव की हैंडक्राफ्ट, बिहार की हैंडलूम, बिहार की टेक्सटाइल, और बिहार की फूड स्टॉल हैं। उन्होंने बताया कि इस बार हम इस व्यापार मेले में स्टार्टअप को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्टाल बिहार पवेलियन में स्टार्टअप के लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य बिहार के गांव में बने और जिलों में बने हैंडीक्राफ्ट टेक्सटाइल और कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाना और उसे नई पहचान दिलाना हैं। बिहार के मधुबनी से व्यापार मेले में आई नाजदा खातून जो बिहार मंडप में सिक्की कला की सटॉल लगाई है, जिसमें सभी हस्तनिर्मित उत्पाद हैं। स्टॉल की संचालिका नाजदा खातून ने बताया कि जब वह 10 साल की थीं, तभी उन्होंने उत्पाद बनाना शुरू कर दिया था, और अपने परिवार को भी प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि सभी ने झुमके, हार, फूलदान और बहुत कुछ बनाने में उनकी मदद की। इसको लेकर देश के राष्ट्रपति और बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।