खंडवा में लाड़ली बहना कार्यक्रम में CM शिवराज ने गुनगुनाया गीत... कहा, "फूलो का तारो का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है"... लाड़ली बहना के हाथ से खाया दूध-जलेबी... पूर्व सीएम कमलनाथ पर साधा निशाना , कहां कमलनाथ ने बहनों के पैसे भी खा गए थे...

 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज खंडवा पहुंचे, जहां उन्होंने रतागढ़ में आयोजित लाडली बहना महिला सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत किशोर कुमार के चर्चित गीत "फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है" से की। मुख्यमंत्री द्वारा यह गीत गुनगुनाने के बाद सभास्थल पर मौजूद महिलाएं उत्साहित हो उठी। मुख्यमंत्री ने सभा स्थल पर बने विशेष मंच के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचकर उनसे सीधा संवाद किया। अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन मुझे विचार आया कि भाई द्वारा बहनों को केवल रक्षाबंधन पर ही क्यों उपहार दिया जाता है। क्यों ना बहनों को हर महीने उपहार दिया जाए। इसलिए मेरे मन में विचार आया और मैंने लाडली बहना योजना के माध्यम से अपनी बहनों को हर महीने ₹1000 देने का फैसला किया। अपने संबोधन के बाद मुख्यमंत्री ने कन्याओं के बीच पहुंचकर पारंपरिक नृत्य भी किया। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों के लिए लाडली बहना योजना बहुत जरूरी थी। मुझे जैसे ही इस बात का आत्मज्ञान हुआ, मैंने तुरंत इस योजना पर काम शुरू किया और बहनों को हर महीने ₹1000 देने की योजना बनाई। सभा में मुख्यमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वहीं सुरक्षा के लिहाज़ से भारी मात्रा में पुलिस बल एवं अधिकारियों की तैनाती की गई। सभा में पहुंचे लोगों के वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाए गए तथा सभा में मध्यप्रदेश के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जहां मुख्यमंत्री ने ग्रामीण आजीविका बाजार में लाडली बहना के हाथ से जलेबी भी खाई।

 

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बहनों को तो ₹1000 हर महीने दिया जाएगा इसके अलावा अब विधवा पेंशन योजना भी 600 से बढ़कर ₹1000 दी जाएंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कमलनाथ पर फिर निशाना साधा और कहा कि कमलनाथ की 15 महीने की सरकार ने गरीबों के जनकल्याण योजनाएं बंद की। सभा मे सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में जब कोई बेटी पैदा होगी तो उसका जीवन सुरक्षित करने के लिए सरकार की तरफ से जब वो पांचवी पास करके छठी में जाएगी तो दो हजार आठवीं पास करके नवी में जाएगी तो चार हजार दूंगा। दसवीं पास करके ग्यारवीं में जाएगी तो आठ हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे, ताकि मेरी बेटियां और भांजी सुरक्षित रह कर पढ़ सके।