कैंसर जैसी घातक बीमारी हर साल लाखों लोगों की जान ले रही है. इस बीमारी की पहचान शुरुआती चरण में नहीं हो पाती और जब तक इसका पता चलता है, तब तक कैंसर का प्रसार इतना बढ़ चुका होता है कि इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, कैंसर पर काबू पाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न शोध और अध्ययन किए जा रहे हैं. हाल ही में एक महत्वपूर्ण शोध में यह सामने आया है कि मधुमक्खी का जहर कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकता है.

मधुमक्खी के जहर का कैंसर पर प्रभाव
इस शोध की मुख्य शोधकर्ता डॉ. सियारा डफी ने बताया कि अब तक किसी ने मधुमक्खी के जहर या मेलिटिन के प्रभावों की तुलना विभिन्न प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर और सामान्य सेल्स पर नहीं की थी. हमने इस शोध में मधुमक्खी के जहर को सामान्य ब्रेस्ट सेल्स और ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न उपप्रकारों: हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव, HER-इनरिच, और ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर सेल्स पर टेस्ट किया.

मेलिटिन और कीमोथेरेपी का कॉम्बिनेशन
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मेलिटिन का उपयोग छोटे मॉलिक्यूलर या कीमोथेरेपी के साथ किया जा सकता है, जैसे कि डोसेटैक्सल (Docetaxel), जो ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर जैसी आक्रामक प्रकार की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में ज्यादा प्रभावी है. मेलिटिन और डोसेटैक्सल के कॉम्बिनेशन से चूहों में कैंसर ट्यूमर की वृद्धि में उल्लेखनीय कमी देखी गई. यह परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं और कैंसर के इलाज के लिए एक नई दिशा खोल सकते हैं.

मेलिटिन: एक यूनीक कंपाउंट
मेलिटिन न केवल कैंसर सेल्स को नष्ट करने की क्षमता रखता है, बल्कि यह एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटिमाइक्रोबियल गुण भी रखता है. यह कोशिका झिल्ली को बाधित करके काम करता है, जिससे यह वैज्ञानिक अनुसंधान में विशेष रूप से कैंसर उपचार के लिए उपयोगी हो सकता है. हालांकि, इसका उपयोग केवल मेडिकल सुपरविजन में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में दर्द, सूजन और एलर्जी जैसी प्रतिक्रियाओं को भी ट्रिगर कर सकता है.