न्याय का मंदिर कहे जाने वाले कोर्ट में लोग इंसाफ के लिए आते हैं, लेकिन वहां अपराधियों द्वारा लगातार की जा रही दुस्साहसिक वारदात से दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस के लचर रवैये से हथियार न्यायालय के अंदर पहुंच रहे हैं।

दिल्ली के किसी न्यायालय में गोलीबारी की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई बड़े अपराध हो चुके हैं। सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से न्यायालयों की सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जिला न्यायालयों में 1000 सुरक्षाकर्मी (इसमें दिल्ली पुलिस के 261, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 243 व अन्य शामिल हैं), 2700 सीसीटीवी कैमरों के साथ ही 85 स्कैनर, 242 मेटल डिटेक्टर, 146 मल्टी प्वाइंटर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। साकेत कोर्ट की इस घटना ने एक बार फिर पुलिस के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

न जांच, न तलाशी, भगवान भरोसे सुरक्षा

रोहिणी शूटआउट के बाद दिल्ली पुलिस ने सभी न्यायालयों में जांच और तलाशी पर विशेष जोर दिया था। एसीपी स्तर के अधिकारियों के जिम्मे सुरक्षा दी गई, लेकिन न्यायालयों में प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मी न तो जांच करते हैं और न ही तलाशी लेते हैं। साकेत कोर्ट में शुक्रवार को हुई घटना में आरोपित वकील कोर्ट में दाखिल हुआ और जांच नहीं हुई।

दक्षिणी दिल्ली की डीसीपी चंदन चौधरी का कहना है कि कोर्ट में रोजाना आने जाने वाले वकीलों को सुरक्षाकर्मी पहचानते हैं, सुरक्षाकर्मी बिना जांच पड़ताल के उन्हें जाने देते हैं। जब सुरक्षाकर्मी वकीलों की जांच करते हैं तो इसका विरोध किया जाता है।

महिला पर वकील की संपत्ति हड़पने का आरोप
पुलिस के अनुसार गोलीकांड के आरोपित वकील का निलंबन साकेत कोर्ट की एक महिला वकील की प्रापर्टी पर कब्जा करने को लेकर हुआ था। आरोप है कि उसने धोखाधड़ी कर महिला की प्रोपर्टी हड़प ली थी।

दिल्ली की अदालतों में हुई आपराधिक घटनाएं 

22 अप्रैल 2022 को रोहिणी कोर्ट में वकील और सुरक्षाकर्मी के बीच बहस के दौरान गोली चली, जिसमें दो वकील घायल हुए। 
3 दिसंबर 2022 को अरमान नाम के गैंगस्टर ने कड़कड़डूमा कोर्ट के गेट नंबर चार पर की हवाई फायरिंग।  
9 दिसंबर 2021 को रोहिणी कोर्ट परिसर के अंदर कोर्ट नंबर 102 में बम धमाका हुआ था।
24 सितंबर 2021 को रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी की गोली मारकर हत्या। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर ढेर।  
तीन नवंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग विवाद में पुलिसकर्मियों और वकीलों में झड़प के दौरान चली गोली वकील को लग गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था।   
23 दिसंबर 2015 को चार हमलवारों ने कड़कड़डूमा कोर्ट के अंदर घुसकर फायरिंग की जिसमें गोली लगने से दिल्ली पुलिस के एक जवान की मौत हो गई।