भोपाल । मप्र के अलग-अलग जिलों में किसान मूंग बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं। किसानों की परेशानी को देखते हुए सीएम ने 5 अगस्त तक मूंग खरीदी कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, पोर्टल बंद रहने के कारण किसान स्लॉट बुक नहीं कर पाने से किसान परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस लगातार मूंग खरीदी को लेकर आ रही दिक्कतों पर सरकार को घेर रही है। गुरूवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने मप्र में मूंग खरीदी में आ रही दिक्कतों का मामला उठाया।
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि परसों के रोज बुधनी में उपचुनाव होने वाला है इसलिए एक दिन चार घंटे के लिए पोर्टल खोला गया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मप्र में मूंग का उत्पादन पिछले 5 साल में तेजी से बढ़ा है। सरकार किसानों द्वारा पैदा किये जाने वाले मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के माध्यम से करती है। इस साल मध्यप्रदेश में मूंग की फसल खरीदने के लिए जो पंजीयन किसानों द्वारा किए गये थे उनके लिए स्लॉट बुकिंग जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ करके अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 रखी गई थी। विगत वर्ष किसानों से प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल की खरीदी सरकार द्वारा की गई थी जिसे इस साल प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल कर दिया गया। किसानों द्वारा धरना, प्रदर्शन करने के बाद इसे बढ़ाकर 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किया गया।

स्लॉट बुक नहीं कर पाए किसान


दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकतर समय सर्वर डाउन, तकनीकी खराबी या किसी अन्य वजह से पोर्टल बंद रहा।अधिकांश किसान अपनी मूंग की फसल को बेचने के लिये स्लॉट बुक नही कर पाये। इसी बीच 22 जुलाई को किसानों के लिये ऑनलाइन स्लॉट की बुकिंग अचानक बंद कर दी गई। जिससे हजारों किसान स्लॉट बुकिंग से वंचित रह गए। इसी बीच परसों क्योंकि बुधनी में चुनाव होने वाला है चार घंटे के लिए स्लॉट खोला गया। जिन किसानों ने अपना स्लॉट बुक करा दिया था उनको भी या तो बारदाना समाप्त होने की बात कही जा रही है या फिर उनकी फसल की तुलाई नही हो पा रही है।

मप्र में किसान परेशान


दिग्विजय सिंह ने कहा कि गोदामों के सामने हजारों ट्रेक्टर ट्रॉलियों की कतारें लगी हुई है। बारिश के कारण मूंग भीगने अंकुरित हो रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक कुल अनुमानित उत्पादन का 18 प्रतिशत ही उपार्जन हो सका है। परिणामस्वरूप या तो किसानों की फसल नष्ट हो रही है या फिर किसान अपनी मूंग की फसल को व्यापारियों को कम दाम पर बेचने को मजबूर है। मप्र में इसे लेकर किसान आंदोलित है तथा उनके द्वारा पोर्टल पर स्लॉट बुकिंग की तारीख बढ़ाने, जिनके स्लॉट बुक हो गए हैं उनकी फसल की तत्काल तुलाई करवाने की मांग की जा रही है। राज्य सरकार पूरे मामले की अनदेखी कर रही है। मप्र के किसानों के हित में केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करता है। संयोग से हमारे मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां केन्द्र में कृषि मंत्री और उन्हीं के क्षेत्र में ये सब हो रहा है। कल शाम को उन्होंने यह आदेश निकाला है कि एक अगस्त को एक दिन के लिए पोर्टल खोला जाएगा। जब हजारों किसान रजिस्टर कराना चाहते हैं तो एक दिन में कैसे कर पाएंगे। ये पूरा खेल है व्यापारियों को सस्ता बेचने को किसान को मजबूर करने की कोशिश है मप्र की भाजपा की सरकार हजारों करोड़ का घोटाला कर रही है।